
2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों में ‘एंटी-पोचिंग एग्रीमेंट’ हो रहा है। इसके तहत पार्टियों में बागी नेताओं को शामिल न करने की ‘अघोषित सहमति’ बनी है। यानी कोई नेता अगर एक पार्टी छोड़ता है तो दूसरी पार्टी उसे अपने यहां से टिकट या प्रभावी पद नहीं देगी। सबसे पहले बसपा और सपा फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में साथ आए। लोकसभा की कैराना सीट पर भी सपा-बसपा और कांग्रेस ने लोकदल के प्रत्याशी का समर्थन किया। यहां जीत के बाद इन दलों के बीच एंटी-पोचिंग के लिए समझौते की नींव पड़ी। अन्य दल भी इसमें शामिल हुए।
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