
असम की राजनीति में न विकास कोई मुद्दा है, न रोजगार, न नोटबंदी, न एससी, न एसटी। यहां नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) ही गुल खिलाएगा। बांग्लादेशी घुसपैठियों के मसले ने बीजेपी का मजबूत आधार तो बनाया लेकिन एनआरसी ने सारा खेल उलट दिया है। बीजेपी के लिए यह गले की फांस बन गया है। कांग्रेस बीजेपी को घेर रही है। राज्य में 2016 में पहली बार सरकार में आई बीजेपी का एक बिल्कुल नया ही चेहरा असम में है। 18 मंत्रियों में से सिर्फ तीन ही पुरानी बीजेपी के हैं। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और दूसरे सबसे बड़े नेता हिमंत विश्वशर्मा समेत बाकी सब विरोधी पार्टियों से आकर बीजेपी की लीडरशिप लाइन में सबसे आगे हैं।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Today's Top Hindi News Headlines From India and World - Dainik Bhaskar https://ift.tt/2wSxhnZ
No comments:
Post a Comment