
हम हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन यानी एचईसी के नज़दीक कूटे गांव में हैं। लोगों से बातें करने पर पता चलता है कि सरकार ने 61 साल पहले यानी 1954 से 57 के बीच इस इलाके की लगभग 7000 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया था। इनमें कूटे, तिरिल, लाबेद, मुडमा, लटमा, सपारोम, जगन्नाथपुर, आनी, बालसिरिंग जैसे 10 से ज्यादा गांवों के आदिवासियों की ज़मीन ली गई थी। लेकिन एचईसी बनने के बाद भी सैकड़ों एकड़ ज़मीन खाली छोड़ दी गई थी। इस पर नई रांची, विधानसभा भवन, हाईकोर्ट बनाए जा रहे हैं। लेकिन लोग ज़मीन वापस चाहते हैं।
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